दिल की कहानी ....................
सायर अपना जो दर्द हे दिल में ...! जो सुना दिया सब को आया नही कोई अपना ......!! जब से देखा तुमे तब से में पागल सा हो गया हु !......2 तुमे देखा कर में मन में मुस्कुराने लगता हे ....दिल की धड़कन कुछ कहने लगती हे ......पगले तुमे प्यार हो गया हे.......! मन्दिर में तुमे देखा तो मन की घंटी बजने लगी ....दिल धड़कने लगा..... शाशे रुकने लगी..... हमे तुमसे प्यर होने लगा ...........! तुमने कभी पलके उठा कर तक देखा नही ......आखो से कभी नजर मिली नही ....फिर भी तुमे से हमे प्यार हो गया ....! हर दिने ...हर समय ....हर पल .....गुसे से देखा कराती हो ....सोच कर भी कभी बोला नही .....गलती हमरी क्या हे ........फिर भी तुम से प्यार हे...... मेरे हाल क्या बयान करू ...दिल का हाल बुरा हे ! जिस चहरे पर मरते हे .....वो हम से खफा हे...!! दिल में इतना प्यार हे उनको पलकों में रखेगे ! दिल में इतनी जगह हे उसे अपना बना के रखेगे....!! सपने में भी आते हे ! कुछ कहकर जाते हे .....! भुला देना हमे ! हम किसी और की अमानत हे .. गिला सिकवा दूर कर देना हम किसी और की चाहत हे ... दूर से तरना बंद