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Dil me h.....Tum.....

दुनिया पागल हो गई हे......

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Add caption ..............दुनिया पागल हो गई हे......... अपनों की प्यारी दुनिया को भुला दिया हे ....प्यारे लगने लगे हे पैसे .....! इंसानियत मार चुकी हे दुनिया.....रावन बने लगे हे लोग........... हर तरह मचा हे लुट का पाठ .....रिश्ते नातो से हो गए हे दूर.........! दुनिया पागल हो गई हे........... दुनिया में रह गए हे बुखे पेसो के ... ... जबतो को खा चुके हे लोग...... दिलो में प्यार को मिटा के ....नफरत पैदा कर चुकी ह.............!. बाट चुकी हे दुनिया.....जाती के नाम पर ....लोग कहते हे हम से बड़कर कोन ....! में तो में ही हु ...और तू तो ह कोन......जोभी हे वो भी में ही हु .........! दुनिया पागल हो गई हे........! दुनिया में एक ही एसा रिश्ता होता हे जो लोग अपना बनाते हे ..... वो भी दोस्ती के नाम पर बदनाम हो चुकी ह… ……! सबसे अलग था दोस्ती का रिश्ता वो भी टूट चूका हे......! दुनिया पागल हो गई हे...............! परिवार के साथ रहना जानते हे...अब लोग अपने आप जीना जानते हे ..... भुला दिया हे उनको उम्र से ज्यादा ह लोग ....कदर भूल गए हे उनको

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दिल की कहानी ....................

सायर अपना जो दर्द हे दिल में ...! जो सुना दिया सब को आया नही कोई अपना ......!! जब से देखा तुमे तब से में पागल सा हो गया हु !......2 तुमे देखा कर में मन में मुस्कुराने लगता हे ....दिल की धड़कन कुछ कहने  लगती हे ......पगले तुमे प्यार हो गया हे.......! मन्दिर में तुमे देखा तो मन की घंटी बजने लगी ....दिल धड़कने लगा..... शाशे रुकने लगी..... हमे तुमसे प्यर होने लगा ...........! तुमने कभी पलके उठा कर तक देखा नही ......आखो से कभी नजर मिली नही ....फिर भी तुमे से हमे प्यार हो गया ....! हर दिने ...हर समय ....हर पल .....गुसे से देखा कराती हो ....सोच कर भी कभी बोला नही .....गलती हमरी क्या हे ........फिर भी तुम से प्यार हे...... मेरे हाल क्या बयान करू ...दिल का हाल बुरा हे ! जिस चहरे पर मरते हे .....वो हम से खफा हे...!! दिल में इतना प्यार हे उनको पलकों में  रखेगे ! दिल में इतनी जगह हे उसे अपना बना के रखेगे....!! सपने में भी आते हे ! कुछ कहकर जाते हे .....! भुला देना हमे ! हम किसी  और की अमानत हे .. गिला सिकवा दूर कर देना हम किसी और की चाहत हे ... दूर से तरना बंद

“ जनता का धमाका...और कानून के प्रति प्रेम .”

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   जनता हर बार धमाका करते हे.......दुनिया में कोई कम हो लोग उस पर अपनी रोटी सकते हे.... चाहे पुलिस का मामला हो ...या जाती विवाद ..या ...कोई चोरी हो या विवाद .....या देश की बात हो ....या विदेश की............कोई भी  मुदा हो उस में जनता हमेशा ..धमाका करती हे.......................... उसे भड़काते हे ये राज नेता जा हम चुनते हे...................... लोगो की सोच ऐसी हो चुकी हे की जेसे की मुर्दा घरो में लाश पड़ी होती हे ! .उसी तरह लोगो की सोच भी हो चुकी हे.............................................................. 1 ..पुलिस..:-.......        हम सभी  पुलिस को गलत मानते हे और उन्हें कोसते  रहते ह की पुलिस कुछ नही कर सकती ! वो तो अपना जेब  भरने में लगती हे ! लापरवाह हे ! रिश्वत खोर हे.....पेसो से बिकती हे................................... हम कुछ न कुछ तो कमी निकलते रहते हे हम ........और कहते हे की में होता तो सभ ठीक कर देता ...और सो कहते हे की हमने अच्छा कम किया हे .......................................... ये सब गलते हे!.....पुलिस हे तो हम सब हे!...  नही तो हम आपस

“महात्मा ज्योतिबा फुले......की कथा”

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             “ महात्मा ज्योतिबा फुले......की कथा ” जो हिमंत न हारे ...जो मुसीबतों से ना डरे ...वो महात्मा ज्योतिबा फुले हे जो जीवन में कभी हार ना माने ..............! महात्मा ज्योतिबा फुले (ज्योतिराव गोविंदराव फुले):- 19 वीं सदी के प्रारम्भ में हिंदू समाज की सामाजिक रूढी और परंपरा के खिलाफ बहुत से समाज सुधारक ( Social Reformers)  आवाज उठाने लगे | इन समाज सुधारको ने स्त्री शिक्षण , विधवा विवाह , पुनर्विवाह , सामंतवाद , बालविवाह आदी सामाजिक विषयो पर लोगों को जगाने की कोशिश की | ज्योतिराव गोविन्दराव फुले ने 19 वीं सदी के सभी समाज सुधारकों में अपना अक अलग और अद्वितीय स्थान बनाया था | जिस समय सभी समाज सुधारक महिलाओं के अधिकारों तथा परिवार और समाज में उनकी स्तिथि पर Focus कर रहे थे , उस समय महात्मा ज्योतिराव फुले ने वर्णव्यवस्था  और जातिगत व्यवस्था के खिलाफ़ आवाज़ उठाई | उनका मानना था कि “ ये दोनों शोषण की व्यवस्था है और जब तक इनका पूरी तरह से खात्मा नहीं हो जाता , तब तक एक अच्छे समाज की निर्मिती असंभव है |” इस प्रकार के विचार रखने वाले वो पहले भारतीय थे | जातीव्यवस्था निर्मूलन