दुनिया पागल हो गई हे......


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..............दुनिया पागल हो गई हे.........
अपनों की प्यारी दुनिया को भुला दिया हे ....प्यारे लगने लगे हे पैसे .....!
इंसानियत मार चुकी हे दुनिया.....रावन बने लगे हे लोग...........
हर तरह मचा हे लुट का पाठ .....रिश्ते नातो से हो गए हे दूर.........!
दुनिया पागल हो गई हे...........





दुनिया में रह गए हे बुखे पेसो के ......जबतो को खा चुके हे लोग......
दिलो में प्यार को मिटा के ....नफरत पैदा कर चुकी ह.............!.
बाट चुकी हे दुनिया.....जाती के नाम पर ....लोग कहते हे हम से बड़कर कोन ....!
में तो में ही हु ...और तू तो ह कोन......जोभी हे वो भी में ही हु .........!
दुनिया पागल हो गई हे........!

दुनिया में एक ही एसा रिश्ता होता हे जो लोग अपना बनाते हे .....
वो भी दोस्ती के नाम पर बदनाम हो चुकी ह………!
सबसे अलग था दोस्ती का रिश्ता वो भी टूट चूका हे......!
दुनिया पागल हो गई हे...............!

परिवार के साथ रहना जानते हे...अब लोग अपने आप जीना जानते हे .....
भुला दिया हे उनको उम्र से ज्यादा ह लोग ....कदर भूल गए हे उनको जिनसे हमे जन्म दिया हे ................दुनिया पागल हो गई हे......

देश के प्रति कुछ करने की ठानी हे ...लोगो ने उनके रहो में बांध डाली हे .....
कुछ कर न पावो तो बदनाम तो कर दो ..!ये सोच बना ली हे.........
दुनिया पागल हो गई हे.........

हम अपनी दुनिया भूल गई हे... दुसरो की दुनिया जीने लग गए हे ....

प्यार के अफसाने नही अजीब होते हे.......किसी को होता ह ये रोग तब दिया अच्छी लगने लगती .....!......

दिल से दुरी बदती हे तो दुनिया ...भूरी लगती....हे....!...

भूल जाते हे दुनिया वही हे  लेकिन ..देखने का नजरिया बदल जाता हे.....!...

....दुनिया पागल होगी हे ............



हकीकत को बयान करना भी एक गुना होता हे ........जो हमे बुराईया मिलती हे ...

और जुट बोलने में एक सकून मिलता हे .......और हम अच्छाई मिलती हे ...

दुनिया में उल्टा होना नही ...एक मिसाल बनता हे ..........

दुनिया पागल हो गई हे.........


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